Friday, November 7, 2025
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LIVE: आंध्र तट से गुजरने के बाद कमजोर हुआ चक्रवात 'मोंथा', IMD ने बताया अगले 12 घंटे में क्या होगा


चक्रवात ‘मोंथा’, जो अब एक गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो चुका है, बुधवार तड़के आंध्र प्रदेश और यानम के तटीय इलाकों मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच से गुजर गया है. रात 12:30 बजे के अपडेट में मौसम विभाग ने कहा कि अगले छह घंटे में यह तूफान कमजोर होकर ‘चक्रवाती तूफान’ में बदल जाएगा. इस दौरान तटीय इलाकों में तेज बारिश और 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक की हवाओं ने पेड़ उखाड़ दिए और कई जिलों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई.

यह भी पढ़ें: चक्रवातों का डबल अटैक: आंध्र में ‘मोंथा’ की तबाही, अटलांटिक में ‘मेलिसा’ का कहर

– भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, खतरनाक चक्रवात ‘मोंथा’ (Montha) अब कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में बदल गया है और आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में सक्रिय है. यह तूफान पिछले छह घंटों में लगभग 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ा और अब नरसापुर से करीब 20 किलोमीटर पश्चिम-उत्तर पश्चिम, मछलीपट्टनम से 50 किलोमीटर उत्तर-पूर्व और काकीनाड़ा से 90 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है.

– मौसम विभाग ने बताया कि अगले छह घंटों तक यह चक्रवाती तूफान अपनी मौजूदा तीव्रता बनाए रखेगा, जिसके बाद इसके गहरे दबाव में बदलने की संभावना है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, तूफान का पिछला हिस्सा अब भूमि क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है. IMD ने बताया कि इसके तटीय आंध्र प्रदेश से होते हुए लगभग उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 6 घंटों के दौरान चक्रवाती तूफान की तीव्रता बनाए रखने और उसके बाद के 6 घंटों के दौरान गहरे दबाव में कमजोर पड़ने की संभावना है.

– आईएमडी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया, “ताजा आंकड़ों के अनुसार गंभीर चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ ने मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच, काकीनाडा के दक्षिण में, आंध्र प्रदेश और यानम तट को पार कर लिया है.” विभाग ने पुष्टि की कि तूफान का ‘लैंडफॉल प्रोसेस’ यानी तट से टकराने की प्रक्रिया आधी रात के बाद पूरी हो गई.

– मंगलवार रात 9:30 बजे के बुलेटिन में आईएमडी ने बताया था कि ‘मोंथा’ उत्तर-पश्चिम दिशा में 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था. उस समय यह मछलीपट्टनम से 60 किलोमीटर पूर्व, काकीनाडा से 100 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, विशाखापट्टनम से 230 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम और ओडिशा के गोपालपुर से 480 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित था. आईएमडी ने यह भी बताया कि तूफान का असर आने वाले कुछ दिनों तक तेलंगाना, तमिलनाडु, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भी दिखेगा, जहां भारी बारिश की संभावना जताई गई है.

आंध्र प्रदेश में नाइट कर्फ्यू लागू

चक्रवात के असर को देखते हुए आंध्र प्रदेश सरकार ने सात जिलों कृष्णा, एलुरु, पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, काकीनाडा, डॉ. बी.आर. अंबेडकर कोनसीमा और अल्लूरी सीताराम राजू (चिंतूर और रामपचोदावरम डिवीजन) में रात 8:30 बजे से सुबह 6 बजे तक वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है.

केवल आपातकालीन मेडिकल सेवाओं को इस कर्फ्यू से छूट दी गई है. प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने, गैर-जरूरी यात्रा से बचने और सरकारी सुरक्षा सलाहों का पालन करने की अपील की है.

राज्य के सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे राष्ट्रीय राजमार्गों सहित सभी सड़कों पर यातायात रोक दें.

यह भी पढ़ें: ‘मोंथा’ तूफान को लेकर आंध्र-ओडिशा में रेड अलर्ट, 110 KMPH से चलेंगी हवाएं

तूफान से पहले ही मछलीपट्टनम के मंगीनापुडी बीच रोड पर एक पेड़ बिजली की तारों पर गिरने से बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी, जिसे बहाल करने का काम जारी है.

भारी बारिश, फ्लाइट और ट्रेनें रद्द

तूफान के असर से आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हो रही है. मछलीपट्टनम में सुबह 8:30 बजे से अब तक 5.2 एमएम, नरसापुर में 9.8 एमएम, टूनी में 15.6 एमएम, काकीनाडा में 5.7 एमएम और विशाखापट्टनम में 0.2 एमएम बारिश दर्ज की गई.

नेल्लोर जिले में पिछले 36 घंटे से लगातार बारिश हो रही है. पिछले 24 घंटों में औसतन 5 सेंटीमीटर और कुछ जगहों पर 7 सेंटीमीटर तक बारिश हुई है. एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि अगले 12 घंटों तक भारी बारिश जारी रह सकती है और निगरानी टीमें शहरी और ग्रामीण इलाकों में सतर्क हैं.

कोनसीमा जिले के मकानगुडेम गांव में एक महिला की मौत हो गई, जब तेज हवाओं में एक पेड़ उखड़कर उस पर गिर गया. वहीं, तूफान के चलते आंध्र प्रदेश में हवाई सेवा भी प्रभावित हुई है. विशाखापट्टनम हवाई अड्डे पर 32 उड़ानें, विजयवाड़ा में 16 और तिरुपति में 4 उड़ानें रद्द की गईं.

दक्षिण मध्य रेलवे (SCR) जोन में सोमवार और मंगलवार को कुल 120 ट्रेनें रद्द की गईं. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने राहत और बचाव कार्यों के लिए 45 टीमें तैनात की हैं.

ओडिशा में अलर्ट, लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर किया गया शिफ्ट

आंध्र प्रदेश के पड़ोसी राज्य ओडिशा में भी चक्रवात ‘मोंथा’ को लेकर अलर्ट जारी है. मुख्यमंत्री मोहन चरण मजही ने कहा कि राज्य सरकार ने आठ दक्षिणी जिलों में 2,000 से अधिक आपदा राहत केंद्र बनाए हैं.

अब तक 11,396 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. सरकार ने देवमाली और महेन्द्रगिरि पहाड़ियों जैसे पर्यटक स्थलों में प्रवेश पर रोक लगा दी है और समुद्र तटों पर लोगों की आवाजाही सीमित कर दी है. राज्य में नौ जिलों के स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र 30 अक्टूबर तक बंद कर दिए गए हैं.

ईस्ट कोस्ट रेलवे ने वॉल्टेयर क्षेत्र और उससे जुड़े मार्गों पर कई ट्रेनों को रद्द, मोड़ या छोटी दूरी तक चलाने का फैसला किया है. राज्य सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां 30 अक्टूबर तक रद्द कर दी हैं. सरकार ने मछुआरों को 29 अक्टूबर तक ओडिशा तट और बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह दी है.

ओडिशा में बारिश की चेतावनी

आईएमडी ने मंगलवार को कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. मलकानगिरी, कोरापुट, रायगड़ा, गजपति और गंजाम जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना जताई गई है.

ऑरेंज अलर्ट (7 से 20 सेंटीमीटर बारिश) नबरंगपुर, कालाहांडी, कंधमाल, नयागढ़, नूपाड़ा, बोलांगीर, सोनपुर, बौध, खुर्दा, पुरी और बर्गढ़ जिलों के लिए जारी किया गया है.

इसके अलावा येलो वार्निंग (7 से 11 सेंटीमीटर बारिश) अंगुल, ढेंकनाल, कटक, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, केनुझार, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, संबलपुर, देवगढ़, झारसुगुड़ा और सुंदरगढ़ जिलों के लिए जारी की गई है.

रेल मंत्री ने की समीक्षा बैठक

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ईस्ट कोस्ट रेलवे और साउथ सेंट्रल रेलवे के शीर्ष अधिकारियों के साथ ‘मोंथा’ की तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने यात्रियों की सुरक्षा, ट्रेनों के संचालन, बहाली योजना और स्थानीय प्रशासन व आपदा प्रबंधन एजेंसियों के बीच तालमेल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

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