दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGIA) पर शुक्रवार को एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) सिस्टम में तकनीकी खराबी आने से फ्लाइट ऑपरेशन बुरी तरह प्रभावित रहा. विभिन्न एयरलाइंस की 800 से ज्यादा उड़ानें विलंबित हुईं और सैकड़ों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. एयरपोर्ट सूत्रों ने बताया कि गुरुवार देर रात शुरू हुई इस गड़बड़ी ने ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) को प्रभावित किया, जो एक महत्वपूर्ण कम्युनिकेशन नेटवर्क है और ऑटो ट्रैक सिस्टम (ATS) को डेटा भेजता है.
इस डेटा के आधार पर ही एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स फ्लाइट प्लानिंग तैयार करते हैं. एएमएसएस सिस्टम में आई तकनीकी खराबी को शुक्रवार देर शाम तक ठीक कर लिया गया था. दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारियों ने एक पैसेंजर एडवाइजरी में कहा, ‘एयर ट्रैफिक कंट्रोल के फ्लाइट प्लानिंग प्रोसेस को सपोर्ट करने वाले ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) में चल रही तकनीकी समस्या के कारण फ्लाइट ऑपरेशन बाधित हो गया है. एयरपोर्ट पर सभी एयरलाइंस की उड़ानें वर्तमान में प्रभावित हैं. संबंधित अधिकारी जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करने के लिए काम कर रहे हैं. यात्रियों से अनुरोध है कि वे संशोधित फ्लाइट शेड्यूल के संबंध में अपनी एयरलाइन कंपनी के अपडेट पर नजर रखें.’
यह भी पढ़ें: दिल्ली में सरकारी दफ्तरों की बदल गई टाइमिंग, प्रदूषण-भीड़ कम करने के लिए CM रेखा का फैसला
इसके कुछ देर बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने यात्रियों को खुशखबरी देते हुए एक बयान में कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पर ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) में आई तकनीकी खराबी को शुक्रवार देर शाम तक ठीक कर लिया गया. एएआई ने इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) के अधिकारियों के साथ मिलकर ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) की मदद से इस समस्या का समाधान किया. एएआई के बयान में कहा गया, ‘हालांकि कुछ और काम बाकी रह जाने के कारण थोड़ी देरी हो सकती है, लेकिन ऑटोमैटिक ऑपरेशन फिर से शुरू हो रहा है और जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल होने की उम्मीद है.’
इससे पहले, ऑटोमैटिक ऑपरेशन बंद होने के कारण, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स को मैन्युअल फ्लाइट प्लानिंग करना पड़ा, जिससे उड़ानों का संचालन धीमा रहा और एयरपोर्ट टर्मिनल पर यात्रियों की भीड़ लग गई. एविएशन एक्सपर्ट कैप्टन शरत पनिकर ने बताया कि ऑटोमैटिक सिस्टम की विफलता के कारण फ्लाइट प्लानिंग मैन्युअली करना पड़ा. इसमें बहुत अधिक समय लगता है और स्वाभाविक रूप उड़ानों के संचालन में देरी होती है. उन्होंने आगे बताया कि इस गड़बड़ी का असर ऑटोमैटिक टर्मिनल इंफॉर्मेशन सिस्टम (ATIS) पर भी पड़ा, जो देश भर के मौसम संबंधी आंकड़ों को एक जगह इकट्ठा करता है.
यह भी पढ़ें: दिल्ली में BJP सरकार जल्द शुरू करेगी 100 ‘अटल कैंटीन’, गरीबों को ₹5 में मिलेगा भरपेट खाना
उन्होंने कहा, ‘एक बार विमान हवा में आ जाए, तो ज्यादा असर नहीं पड़ता, लेकिन ऐसी परिस्थितियों में विमान को हवा में उड़ाने में काफ़ी समय लगता है.’ दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है, जहां से प्रतिदिन 1500 से ज्यादा उड़ानें आती-जाती हैं. ऑटोमैटिक टर्मिनल इंफॉर्मेशन सिस्टम में तकनीकी खराबी के कारण एयरपोर्ट के विभिन्न टर्मिनल्स पर यात्रियों को लंबी कतारों, बार-बार रिशेड्यूलिंग का सामना करने के साथ विमानों के अंदर बैठकर उनके उड़ान भरने का लंबा इंतजार करना पड़ा. कई लोगों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की कि एयरलाइनों की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिलने के कारण वे घंटों तक एयरपोर्ट पर फंसे रहे.
—- समाप्त —-