अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को घोषणा की कि दक्षिण अफ्रीका में इस साल होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में कोई भी अमेरिकी सरकारी अधिकारी हिस्सा नहीं लेगा. उन्होंने इसका कारण दक्षिण अफ्रीकी सरकार द्वारा श्वेत किसानों (अफ्रीकानर्स) के साथ होने वाले कथित दुर्व्यवहार को बताया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस वर्ष दक्षिण अफ्रीका में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में कोई भी अमेरिकी सरकारी अधिकारी भाग नहीं लेगा, क्योंकि दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों के साथ व्यवहार किया जाता है. हालांकि, दक्षिण अफ़्रीकी अधिकारियों ने ट्रंप के दावों को खारिज कर दिया है.
शिखर सम्मेलन में नहीं जाएंगे वेंस
ट्रंप ने पहले घोषणा की थी कि वह 22-23 नवंबर को प्रमुख और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं की बैठक में भाग नहीं लेंगे और उनकी जगह उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के शामिल होने की उम्मीद थी. हालांकि, वेंस की योजनाओं से परिचित एक व्यक्ति ने, जिसने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वेंस अब शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका नहीं जाएंगे.
‘ये शर्मनाक है…’
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, ‘ये पूरी तरह से अपमानजनक है कि जी-20 दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया जाएगा.’ उन्होंने दक्षिण अफ्रीका पर श्वेत अफ्रीकी लोगों के खिलाफ “दुर्व्यवहार” करने का आरोप लगाया, जिसमें भूमि पर कब्जा और हिंसक हमले शामिल हैं.
ट्रंप प्रशासन ने दक्षिण अफ़्रीकी सरकार की बार-बार आलोचना की है और आरोप लगाया है कि वह अल्पसंख्यक श्वेत किसानों के खिलाफ भेदभाव और हिंसा को बढ़ावा देती है. इस साल की शुरुआत में प्रशासन ने घोषणा की थी कि वह अपने 7,500 शरणार्थियों की वार्षिक संख्या में भारी कटौती के साथ श्वेत दक्षिण अफ़्रीकियों को प्राथमिकता देगा.
अफ्रीकी अधिकारियों ने आरोपों को किया खारिज
वहीं, दक्षिण अफ़्रीकी अधिकारियों ने ट्रंप के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि रंगभेद की समाप्ति के तीन दशक से भी ज़्यादा वक्त बाद, श्वेत नागरिक ज़्यादातर अश्वेत दक्षिण अफ़्रीकियों की तुलना में बेहतर जीवन स्तर का आनंद ले रहे हैं. राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा है कि उन्होंने ट्रंप को बताया है कि श्वेत किसानों के व्यवस्थित उत्पीड़न की खबरें पूरी तरह से झूठी हैं.
G20 से बाहर निकालने की मांग
कूटनीतिक तनाव के बावजूद ट्रंप अपनी आलोचना पर अड़े हुए हैं. इस हफ़्ते की शुरुआत में मियामी में दिए एक भाषण में उन्होंने कहा था कि दक्षिण अफ़्रीका को G20 से हटा दिया जाना चाहिए. फरवरी में विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक का बहिष्कार किया था, क्योंकि उन्होंने उस एजेंडे पर आपत्ति जताई थी जो विविधता, समावेशिता और जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित था.
आपको बता दें कि जी20 शिखर सम्मेलन जो वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा का प्रमुख मंच है. इस बार समिट का आयोजन नवंबर के अंत में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में होने वाला है.
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